प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोद लिए सांसद आदर्श गांव अब जल्द ही “सोलर एनर्जी विलेज” में बदलने जा रहे हैं। वाराणसी के इन गांवों में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत गरीब और पात्र परिवारों की छतों पर मुफ्त सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इस योजना का पूरा खर्च एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया अपने CSR (Corporate Social Responsibility) फंड से वहन करेगी। सरकार का लक्ष्य है कि इन गांवों को पूरी तरह हरित ऊर्जा से लैस किया जाए और बाकी ग्रामीणों को भी सोलर पैनल लगाने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके लिए जागरूकता अभियान भी शुरू कर दिया गया है ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।

गांवों का विकास और नई ऊर्जा क्रांति
प्रधानमंत्री के गोद लिए गए गांवों में पहले से ही सड़क, बैंक, पोस्ट ऑफिस, आंगनबाड़ी केंद्र और बस सेवा जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। जयापुर, नागेपुर, ककरहिया, परमपुर, पूरे बरियार, पूरे गांव और कुरुहुआ जैसे गांवों में वर्षों से विकास कार्य लगातार हो रहे हैं। अब इन गांवों में ऊर्जा क्रांति लाने की तैयारी है। जिन परिवारों को पीएम और सीएम आवास का लाभ मिला है, उन्हें अपनी छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए एक भी पैसा खर्च नहीं करना होगा। जिला प्रशासन अन्य कंपनियों के CSR फंड का उपयोग करके और भी परिवारों को योजना से जोड़ने की कोशिश कर रहा है।
योजना के तहत मिलने वाले फायदे और लक्ष्य
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में 2 किलोवाट तक के सोलर पैनल लगाने पर लगभग ₹1.20 लाख का खर्च आता है, जिसमें केंद्र सरकार से ₹60,000 और राज्य सरकार से ₹30,000 की सब्सिडी मिलती है। बाकी राशि लाभार्थी को देनी होती है, लेकिन इस विशेष पहल में पात्र परिवारों का पूरा खर्च CSR फंड से कवर किया जाएगा। प्रति किलोवाट सोलर पैनल की लागत करीब ₹60,000 होती है और योजना में अधिकतम ₹1.08 लाख तक की सब्सिडी मिल सकती है।
सरकार का लक्ष्य है कि इन सभी गांवों को 100% हरित ऊर्जा गांव बनाया जाए, ताकि ग्रामीण खुद बिजली उत्पादन कर सकें और बिजली बिल से हमेशा के लिए मुक्त हो जाएं। यह पहल न केवल बिजली की बचत करेगी बल्कि पर्यावरण को भी साफ और हरा-भरा बनाएगी। आने वाले समय में ये गांव पूरे देश के लिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट का एक आदर्श मॉडल बन सकते हैं।
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