छत्तीसगढ़ में PM Surya Ghar मुफ्त बिजली योजना के तहत अब वेंडरों पर सख्ती शुरू हो गई है। सोमवार को छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर वितरण कंपनी के एमडी भीम सिंह कंवर ने योजना से जुड़े करीब 200 वेंडरों को बैठक में बुलाया, लेकिन आधे से ज्यादा वेंडर पहुंचे ही नहीं। नतीजा यह हुआ कि 100 से ज्यादा वेंडरों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। संतोषजनक जवाब न देने पर इन्हें योजना से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। बैठक में खुलासा हुआ कि वेंडरों के पास करीब 1000 आवेदन पेंडिंग हैं, जिनमें देरी की वजह ज्यादातर बैंकों से लोन अप्रूवल न मिलना और कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं।

15 दिनों में लगेंगे पैनल, वरना होगी छुट्टी
बैठक में एमडी ने साफ निर्देश दिए कि अब से अगर किसी आवेदन की पूरी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, तो 15 दिनों के भीतर उपभोक्ता के घर सोलर पैनल लगाना अनिवार्य होगा। अगर वेंडर इस समय सीमा में काम नहीं करते हैं, तो उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। सरकार योजना को “बिजली बिल हॉफ से मुफ्त बिजली” के नारे के साथ आगे बढ़ा रही है, और इस बार देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए पॉवर कंपनी पूरे प्रदेश में शिविर लगाकर आवेदन इकट्ठा कर रही है, लेकिन अब फोकस तेजी से इंस्टॉलेशन पर है।
आवेदन संख्या पर भी खुलासा
योजना के पोर्टल पर छत्तीसगढ़ के करीब 48,000 आवेदन दर्ज हैं, लेकिन हकीकत में इनमें से केवल 6,000 आवेदन ही वास्तविक हैं। बाकी लोग सिर्फ लॉगिन करके नाम दर्ज करवा चुके हैं, लेकिन सोलर पैनल लगवाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। पॉवर कंपनी इन 6,000 आवेदनों को ही वैध मान रही है, जिनमें से 1,000 वेंडरों के पास पेंडिंग हैं और बाकी प्रक्रिया में हैं। एमडी कंवर ने वेंडरों को चेतावनी दी है कि देरी करने वालों की अब “छुट्टी” तय है, क्योंकि सरकार चाहती है कि हर पात्र उपभोक्ता को समय पर सोलर पैनल मिले और मुफ्त बिजली का लाभ पहुंचे।
यह भी पढ़े – 👉 ₹4,900 में घर, खेत और टेंट सब जगमगा दें! Saurally का पोर्टेबल सोलर होमकिट मचा रहा धूम